आज की कहानी है हंसी मजाक की कहानी हिंदी में क्यूंकी कहानी हिंदी में लिखी हुई छोटी सी पढ्न बच्चो को बहुत पसंद होता है और jokes funny story in hindi होती ही है मजेदार और 2024 की हंसी मजाक की कहानी हिंदी में आपको यहा पढ़ने को मिलने वाली है त चलिये शुरू करते है बिना किसी देरी के हंसी मजाक की कहानी हिंदी में
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हंसी मजाक की कहानी हिंदी में
कहानी हिंदी में लिखी हुई छोटी सी
jokes funny story in hindi
जासूस राजा और चोर
चाणक्यपुरी नाम का एक राज्य था उसे राज्य में बहुत सारी कुदरती चीज थी जिसकी वजह से लोग उसका आनंद लिया करते थे और उसे बेचकर अपना जीवन बसर करते थे।
एक बार की बात है , एक चंदू नाम का कर रात में चोरी करने के लिए जंगल के रास्ते से जा रहा था तभी उसे रास्ते में एक संत महात्मा दिखाई दिए संत महात्मा को देखकर चंदू कर एक पेड़ के पीछे छुप गया।
लेकिन संत महात्मा ने चंदू चोर को देख लिया और चंदू से कहने लगे तुम मुझे देखकर पेड़ के पीछे क्यों चुप रहे हो यह सुनकर चंदू कर कहता है महाराज मैं चोर हूं और चोरी करने के लिए जा रहा हूं इसलिए मैं आपको देखकर छुप गया।
यह सुनकर संत महात्मा कहने लगे बेटा चोरी करना बहुत बुरी बात होती है यह सुनकर चंदू कर कहेने लगा महाराज यह तो मुझे भी पता है लेकिन मेरी मजबूरी है क्योंकि मैं दूसरा कोई काम नहीं जानता और वह चोरी मजबूरी में करता हूं।
यह सुनकर संत महात्मा कहते हैं ठीक है अगर तुम्हें यही ठीक लगता है तो कोई बात नहीं तुम चोरी करो लेकिन एक वादा मुझे करो कि तुम कभी झूठ नहीं बोलोगे।
यह सुनकर चंदू कर कहता है ठीक है महाराज मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं कभी झूठ नहीं बोलूंगा यह सुनकर संत महात्मा वहां से चले जाते हैं और चंदू भी जंगल के रास्ते आगे बढ़ जाता है।
उसे रास्ते में एक और आदमी दिखाई देता है जो मुंह पर कपड़ा बंधा हुआ था उसे देखकर चंदू वापस से छुप जाता है लेकिन वह आदमी चंदू को देख लेता है और चंदू से कहता है तुम कौन हो और तुम पेड़ के पीछे क्यों छुप रहे हो।
यह सुनकर चंदू सोचता है कि मैं तो महात्मा संत से वादा किया है कि मैं झूठ नहीं बोलूंगा और मैं इस आदमी से झूठ नहीं बोल सकता इसलिए वहकहता है मैं एक चोर हूं और चोरी करने जा रहा हूं।
यह सुनकर वह नकाबपोश आदमी कहता है कोई चोर कहता है कि और कोई चोर है नहीं मुझे तो तुम महल के कोई जासूस लगते हो यह सुनकर वह चंदू चोर कहता है नहीं मैं सच में एक चोर हूं और मैं चोरी करने के लिए जा रहा हूं।
यह सुनकर वह नकाबपोश आदमी कहता है ठीक है अगर ऐसा है तो मैं भी तुम्हारे साथ चोरी करने के लिए चलता हूं जो भी मिलेगा वह हम आपस में बांट लेंगे यह सुनकर चंदू भाग जाता है और उसे नकाबपोश आदमी को भी अपने साथ ले लेता है।
चंदू कहेता है की हम चोरी कहां करेंगे यह सुनकर वह नकाबपोश आदमी कहता है हम महल में चोरी करेंगे मैं पहले महल में काम करता था और मुझे महल का चप्पा चप्पा पता है और मुझे पता है कि एक जगह मेल में हीरे रखे हैं वह हीरे बहुत कीमती है वह हीरो से हम मालामाल हो सकते हैं।
पहले तो चंदू डर जाता है लेकिन बाद में सोचता है कि कब तक छोटी-मोटी कोरियन करूंगा चलो एक बड़ी चोरी करते हैं और बाद में के साथ मिल जाता है और वह महेल में पहुंच जाते है।
तभी नकाबपोश आदमी साइड में खड़ा रहता है और चंदू से कहता है देखो तुम अंदर जो तुम्हें वहां बहुत सारे बुक से देखेंगे उनमें से सबसे आखरी के बक्से में एक चक्की है उसे चक्की को तुम घुमो तो मुख्य द्वार खुल जाएगा।
जो मुख्य द्वार खुल जाएगा तो तुम्हें अंदर और भी बहुत सारे बक्से देखेंगे उसमें जो सबसे बड़ा बक्सा है उसमें तुम्हें एक चाबियां का गुच्छा दिखेगा और उसे चाबियां के गुस्से में एक सबसे छोटी चाबी है जिसे बक्सा एकदम साइड में पड़ा होगा कचरे की तरह और जब तुम उसे छोटी चाबी से उसे छोटे बक्से को खोलोगे तो उसमें हीरे रखे हैं वह हीरे तुम ले आना।
चंदू ऐसा ही करता है लेकिन जब वह आखरी वाला बक्सा खुलता है तो उसमें तीन हीरे होते हैं लेकिन चंद उसमें से दो ही हीरे निकलता है और बाहर आ जाता है और उसे नकाबपोश आदमी को एक हीरा देता है और एक हीरा अपने पास रख लेता है यह देखकर रोना का पोस्ट आदमी कहता है कि बक्से में तो तीन ही रहे थे लेकिन तुम सिर्फ दो हीरे क्यों लेकर आए हो।
यह सुनकर चंदू कहता है अगर मैं तीन हीरे ले आता तो हम आपस में वह तीन हीरे बाट नहीं सकते थे इसीलिए मैंने दो हीरे लेकर आया हूं जिसकी वजह से हम दोनों एक-एक हीरा ले लेंगे इसकी वजह से हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होगी यह सुनकर वह आदमी हैरान हो जाता है और वह दोनों वहां से चले जाते हैं।
सुबह होती है और महल में चोरी का पता चल चुका होता है महाराज आदेश देते हैं की चोरी करने वाले को पकड़ा जाए सैनिक चोरी करने वाले चोर को पकड़ने के लिए जाते हैं तभी महाराज सेनापति को हम देते हैं कि जो क्या चोरी हुई है देख कर आओ जैसे ही सेनापति जाकर देखा है तो बक्से में से दो हीरे चोरी हो चुके होते हैं और एक हीरा उसी में ही होता है।
सेनापति सोचता है शायद कर एक हीरा ले जाना भूल गया है क्यों ना मैं यह एक हीरा अपने पास रख लो इसे मैं मालामाल हो जाऊंगा और महाराज से जाकर कह देता हूं कि तीन हीरो की चोरी हुई है वह वैसा ही करता है वह एक हीरा अपने पास रख लेता है और महाराज को जाकर कहते हैं कि तीन हीरो की चोरी हुई है।
महाराज कहते हैं ठीक है इतने में सैनिक चंदू चोर को पकड़ कर लेते हैं और चंदू कर से पूछा जाता है कि तुमने चोरी क्योंकि यह सुनकर चंदू कर कहता है मुझे चोरी करने की मजबूरी थी इसीलिए मैंने चोरी की थी और मैं अकेला ही इस चोरी में जिम्मेदार नहीं हूं मेरे साथ एक आदमी भी था जो मेरे इस चोरी में शरीक था मेरे।
यह सुनकर सेनापति कहता है वह आदमी कहां है तुम दूसरी बातों में महिला रहे हो हमें तुमने तीन हीरे चुराए हैं यह सुनकर चंदू कर कहता है नहीं नहीं मैंने दो ही हीरे चुराए थे।
यह सुनकर सेनापति कहता है सैनिकों से की इस काल कोठरी में डाल दो यह देखकर महाराज कहते हैं रुको अभी हमने फैसला नहीं सुनाया है तभी महाराज कहते हैं कि वह दूसरा आदमी मैं था चंदू कर के साथ , और मैने ही अपना मुंह ढाककर उसकी चोटी में मदद की थी।
और उसने मुझे सच में एक हीरा दिया था और वह एक हीरा ही रहा और एक हीरा उसके पास है और जब मैं वापस जाकर देखा तो सच में संदूक में एक हीरा पड़ा था तब पूरे महल में चर्चा हो जाती है कि फिर एक हीरा कहां गया।
यह सुनकर महाराज कहता है कि एक हीरा सेनापति के जेब में है सेनापति क्या तुम मुझे वही हीरा देते हो कि मैं जब से निकलने का आदेश तो यह सुनकर सेनापति जब से एक हीरा निकलता है और महाराज को दे देता है।
महाराज सेनापति को कॉल कोटर में डाल देते हैं और चंदू चोर को अपना सेनापति बना लेते हैं इस तरह चंदू कर एक मामूली कर से सेनापति बन जाता है सिर्फ अपनी एक अच्छी आदत की वजह से और वह आदत थी कि वह " सच बोलता था झूठ से परहेज करता था "
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