Choti Kahani In Hindi

हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ | ज्ञान दायक कहानी | naitik kahaniya chhoti si

 आज तो हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ लिखने का मन हुआ तो सोचकी चलो आज  ज्ञान दायक कहानी ही लिख लेते है क्यूंकी naitik kahaniya chhoti si भी सुना न बच्चो को ज़रूरी है और साथ ही ज्ञान दायक कहानी  बच्चे बड़ी गौर से सुनते भी है और समझते भी है । 


और तो और हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ से बच्चो को बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है इसी लिए आप सबके लिए और खास करके बच्चो के लिए आज हम ये ज्ञान दायक कहानी लाये है तो चलिये शुरू करते है 2024 की naitik kahaniya chhoti si



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हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ 
  ज्ञान दायक कहानी  
naitik kahaniya chhoti si

मूर्ख बंदर और कोयल  (  ज्ञान दायक कहानी )


आज तो हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ लिखने का मन हुआ तो सोचकी चलो आज  ज्ञान दायक कहानी ही लिख लेते है क्यूंकी naitik kahaniya chhoti si भी सुना न बच्चो को ज़रूरी है और साथ ही ज्ञान दायक कहानी  बच्चे बड़ी गौर से सुनते भी है और समझते भी है ।   और तो और हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ से बच्चो को बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है इसी लिए आप सबके लिए और खास करके बच्चो के लिए आज हम ये ज्ञान दायक कहानी लाये है तो चलिये शुरू करते है 2024 की naitik kahaniya chhoti si

ज्ञान दायक कहानी

एक जंगल में एक बंदर रहता था जो थोड़ा मूर्ख था वह रोजाना जंगल के कहीं पेड़ों से मीठे-मीठे फल आम जाम और बहुत सारे मीठे फल खाया करता था। 

                                         

एक बार वह जंगल से गुजर रहा था तभी उसने देखा की बहुत सारे कोयल एक निंबोली के पेड़ पर से बहुत सारी निंबोली खा रहे हैं। 


क्योंकि बंदर ने आज तक निंबोली खाकर जगह नहीं था इसीलिए उसने सोचा कि इतनी सारी कोयल इस पेड़ पर से निंबोली खा रही है इसका मतलब है निमली बहुत स्वादिष्ट होती होगी। 


पर जैसे ही बंदर निंबोली के पेड़ पर चढ़ा और एक निमली खाया तो उसे वह निंबोली  बहुत ही कड़वी लगी उसने ने बोली झट से अपने मुंह से फेंक दी और कहने लगा यह इतने कड़वे फल क्यों कहते हैं कोयल मुझे इन्हें बताना होगा कि जंगल में और भी मीठे-मीठे फलों के पेड़ है। 


अगले दिन बंदर निंबोली के पेड़ पर बैठ गया और जैसे ही कोयल वहां आए तो बंदर ने कोयलों से कहा कि तुम यह निंबोली क्यों खाते हो यह बहुत करती है नदी के पास एक पेड़ है जिस पर अभी ताजी-ताजी अमरुद लगे हैं तो वह मीठे और ताजा अमरुद खाओ वह तुम्हें बहुत पसंद आएंगे। 

                                             आज तो हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ लिखने का मन हुआ तो सोचकी चलो आज  ज्ञान दायक कहानी ही लिख लेते है क्यूंकी naitik kahaniya chhoti si भी सुना न बच्चो को ज़रूरी है और साथ ही ज्ञान दायक कहानी  बच्चे बड़ी गौर से सुनते भी है और समझते भी है ।    और तो और हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ से बच्चो को बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है इसी लिए आप सबके लिए और खास करके बच्चो के लिए आज हम ये ज्ञान दायक कहानी लाये है तो चलिये शुरू करते है 2024 की naitik kahaniya chhoti si

ज्ञान दायक कहानी

यह सुनकर एक कोयल रहती है कि हमारे बाप दादा ने हमें यही खाना सिखाया है इसीलिए हम जंगल के दूसरे कोई फ्रूट नहीं खाते यह सुनकर बंदर कहता है नहीं तुम एक बार वह अमरुद चौक तो सही कोयल रहती है ठीक है वह सारे कोयल के जून को लेकर नदी के पास अमरूद के पेड़ पर जाती है। 

                                             आज तो हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ लिखने का मन हुआ तो सोचकी चलो आज  ज्ञान दायक कहानी ही लिख लेते है क्यूंकी naitik kahaniya chhoti si भी सुना न बच्चो को ज़रूरी है और साथ ही ज्ञान दायक कहानी  बच्चे बड़ी गौर से सुनते भी है और समझते भी है ।    और तो और हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ से बच्चो को बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है इसी लिए आप सबके लिए और खास करके बच्चो के लिए आज हम ये ज्ञान दायक कहानी लाये है तो चलिये शुरू करते है 2024 की naitik kahaniya chhoti si

जैसे ही कोयल अमरूद खाते हैं उन्हें अमरुद बहुत स्वादिष्ट लगते हैं फिर वह निंबोली खाना बंद ही करते थे और जंगल के दूसरे मीठे फल खाना शुरू कर देते हैं जिससे अमरूद आम केले इत्यादि। 


कुछ समय बाद जंगल में बारिश नहीं होती जिसकी वजह से सारे जानवर परेशान हो जाते हैं क्योंकि उनके पास पीने तक का पानी नहीं रहता इस बात से बंदर भी बहुत ही उदास हो जाता है तभी वह एक पेड़ पर चढ़ता है और बादल को जोर-जोर से आवाज देने लगता है तभी वहां एक बादल आता है और बंदर से कहता है मुझे क्यों आवाज दे रहे हो। 



तभी बंदर कहते हैं इस बार बारिश क्यों नहीं हो रही है यह सुनकर बादल कहेता है बंदर भाई मैं तो पानी से लबालब भरा हुआ हूं लेकिन जब तक मोर नाचेंगे नहीं तब तक मैं पानी नहीं भर सकता यह सुनकर बंदर कहता है ठीक है मैं मोड़ को जाकर कहता हूं। 



बंदर मर के पास जाता है और कहता है तुम नाच क्यों नहीं रहे हो यह सुनकर मोर कहते हैं जब तक कोयल गाना नहीं गेट तब तक हम नहीं नाचते हैं। 


बंदर कोयल के पास जाते हैं और कहते हैं कि तुम गा क्यों ले रहे हो तुम्हारी वजह से मोर नाच नहीं रहे हैं और इसी वजह से बारिश नहीं हो रही है।


यह सुनने के बाद कोयल कहते हैं की निंबोली खान की वजह से हमारा गला बहुत ही साफ रहता था जिसके वजह से हम अच्छा गा पाते थे लेकिन जब से हमने अमरूद आम के लिए खाना शुरू किए हैं हमारे गले में बहुत तकलीफ होने लगी है और जिसकी वजह से हम गए नहीं पा रहे हैं। 


यह सुनकर बंदर समझ गया की कोयलों के बाप दादा ने उन्हें निंबोली खाने के लिए क्यों कहा है क्योंकि निम्नलि खाने से गाल बहुत अच्छा रहता है और कोयल अच्छे से गा पाते है।


बंदर को अपनी गलती का एहसास हो गया और बंदर ने कहा कि अब से तुम निमली ही खाया करो वही तुम्हारे शरीर के लिए लाभदायक है इसके बाद कोई अलोन वैसे ही किया एक हफ्ते के बाद लिमोली खाने के बाद उनका गला ठीक हो गया और वह गाने लगे। 


जिसकी वजह से मोर नाचा और बारिश भी लबा लब होने लगी जिसकी वजह से जंगल के सारे जानवरों का पानी का टेंशन खत्म हो गया।


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