Choti Kahani In Hindi

भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf | भूत की डरावनी कहानी हिंदी में | Bhoot Ki Dravni Kahani

बहुत से लोगो को भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf पढ्न बहुत अच्छा लगता है इसी लिए वे लोग भूत की डरावनी कहानी हिंदी में पढ़ना चाहते है लेकिन उन्हे ऐसी कहानिया पढ़ने कोनहीं मिलती  और इसी बात को ध्यान मे रखते हुए आज हम आप सभी भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf  पढ़ने वाले शौकीनों के लिए लाये है भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf तो चलिये बिना किसी देरी के शुरू करते हौ 2024 की बिकुल नयी भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf


 people also search

भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf 

 भूत की डरावनी कहानी हिंदी में 

 Bhoot Ki Dravni Kahani


 बस चलाने वाली चुड़ैल

people also search  भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf    भूत की डरावनी कहानी हिंदी में    Bhoot Ki Dravni Kahani
भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf 


शीला बहुत दिनों के बाद अपने मायके जा रही थी उसने अपने पति से कहा कि मैं मायके जाने वाली हूं क्योंकि मेरे मायके में शादी होने वाली है मेरे काका के लड़की की तभी शीला के पति ने कहा ठीक है तुम पहले चले जाओ 10 दिन पहले मैं बाद में आता हूं। 


शीला के पति ने शीला को रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया और उसे ट्रेन में बिठा दिया और ट्रेन में बिठाकर चला गया। 


आप क्योंकि शीला ज्यादा बाहर गांव आते जाते नहीं रहती थी इसीलिए उसे रेल के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था इसीलिए शीला अपने मायके के स्टेशन से एक स्टेशन से पहले ही ट्रेन से उतर गई। 


फिर उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करें तभी वहां उसे बहुत सारे लोग दिखाई दिए वह वहां गई और उनसे कहा कि मुझे मेरे गांव जाना है जनकपुर तो उसके लिए बस कहां से मिलेगी यह सुनकर वहां के लोग कहने लगे जनकपुर गांव के लिए एक बस है जो तुम्हें अगले चौक से मिलेंगी।


शीला के साथ उसका 10 साल का बेटा भी था तभी उसके बेटे ने कहा मम्मी मुझे भूख लगी है तभी शीला ने रेलवे स्टेशन से खाना लिया और वहां पर खाया और साथ में एक पानी के बोतल भी ले ली।


रेलवे स्टेशन के बाहर शीला को एक भी ऑटो रिक्शा नहीं दिख रहा था बस स्टॉप तक जाने के लिए इसीलिए शीला पैदल पैदल ही बस स्टॉप की तरफ बढ़ने लगी लेकिन थोड़ी देर चलने के बाद शीला का बेटा कहने लगा मम्मी मेरे पर बहुत दर्द कर रहे हैं इसलिए शीला ने अपने बेटे को अपनी गोद में ले लिया।


अब शाम का वक्त हो गया था और अंधेरा पढ़ने लगा था और उसे रास्ते पर कोई लोग दिखाई नहीं दे रहे थे पूरा सन्नाटा छाया हुआ था अब शीला को थोड़ी घबराहट से होने लगी क्योंकि उसका बेटा भी उसके गोद में सो गया था और बहुत देर से उसके बेटे को गोद में उठाए हुए थे इसीलिए उसके हाथ भी दर्द कर रहे थे। 




उसे ज्यादा टेंशन तब हुई जब उसने यह पाया कि वह रास्ते पर अकेले चल रही है उसे रास्ते पर एक भी इंसान नजर नहीं आ रहा है इंसान तो दूर की बात उसे कोई जानवर भी नजर नहीं आ रहा था उसे रास्ते पर वह बस अकेले चली जा रही थी चली जा रही थी। 


और इससे भी ज्यादा टेंशन की बात यह थी कि उसके मोबाइल की बैटरी बिल हो गई थी जिसकी वजह से उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया और उसके पास कोई संसाधन नहीं रहा अपने पति से कांटेक्ट करने का या अपने मायके वालों से कांटेक्ट करने का। 


तभी उसके जान में जान आ गई क्योंकि वह बस स्टॉप तक पहुंच चुकी थी लेकिन अभी भी उसकी कठिनाई दूर नहीं हुई थी क्योंकि बस स्टॉप भी पूरा खाली था और वहां कोई बस खड़ी नहीं थी।


तभी शीला का बेटा उठ गया और मम्मी से कहने लगा मम्मी मम्मी मुझे भूख लगी है शीला ने कुछ खाना लाई थी अपने बैग में उसने अपने बेटे को दे दिया और वह बहुत टेंशन में आ गई थी कि अब उसके साथ क्या होगा क्योंकि रात हो गई थी और बस स्टॉप पर कोई नहीं दिखाई दे रहा था और उसका मोबाइल भी बंद था।



फिर इतने में वह चौंक गई क्योंकि बस स्टॉप पर एक बसई और बस के अंदर एक लेडिस ड्राइवर थी उसे ड्राइवर ने कहा कि चलो तो मैं कहां जाना है शीला ने कहा मुझे जनकपुर जाना है तभी शीला एकदम से चौंक गई क्योंकि वह एक चुड़ैल थी जो बस चला रही थी।


यह देखकर शीला बहुत डर गई और वही अपना बैग छोड़ दिया और अपने बेटे को लेकर भागने लगी भागते-भागते उसे एक घर दिखाई दिया उसने घर के दरवाजे को खटखटाया घर के अंदर से एक आदमी और एक औरत निकली।


 उन्होंने शीला से कहा, क्या हुआ शीला ने सारी बात बताइए तो उसे आदमी और उसे औरत ने कहां यह बात सच है बहुत से लोगों ने उसे चुड़ैल को बस चलाते हुए देखा है अच्छा होगा तुम उनके हाथों से बच गई।


शीला रात भर उनके घर पर ही रुकी और सुबह उन्होंने ही शीला को एक बस में बैठा दिया जिससे कि वह अपने गांव जनकपुर पहुंच गई।


people also search

भूत की डरावनी कहानी हिंदी में pdf 

 भूत की डरावनी कहानी हिंदी में 

 Bhoot Ki Dravni Kahani


Post a Comment

0 Comments