आज की इस लघु बाल कहानियां मे आप सभी लोग पढ़ने वाले है बाल कहानी इन हिंदी क्यूंकी लघु बाल कहानियां pdf पढ्न हर बच्चे को बहुत अच्छा लगता है और साथ ही चिल्ड्रन स्टोरी इन हिंदी भी पढ़ना बच्चो को अच्छा लगता है ।
क्यूंकी लघु बाल कहानियां मे बहुत ही मज़ेदार कहानिया होती है इसी लिए बच्चो को लघु बाल कहानियां पढ़ना पसंद होता है तो चलिये शुरू करते है लघु बाल कहानियां
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भोला उल्लू ( लघु बाल कहानियां )
एक बार की बात है एक जंगल में सभी पक्षी एक दूसरे के साथ रहते थे उनमें एक उल्लू भी था उल्लू रात भर जागता था और सारे पक्षियों की रक्षा करता था और दिन भर सोता था।
एक बार उल्लू पेड़ पर सो रहा था कि तभी वहां एक चिड़िया आई और उल्लू को जगा कर कहा तुम अभी सो रहे हो भालू ने एक बहुत ही अच्छी पार्टी रखी है उसमें बहुत सारे चीज हैं खाने के लिए।
यह सुनकर उल्लू कहता है ठीक है ठीक है मैं भी आऊंगा खाने के लिए लेकिन मुझे दिन में दिखाई नहीं देता है क्या तुम मुझे रास्ता बताऊंगी यह सुनकर चिड़िया करती है नहीं-नहीं मुझे तो बहुत सारे जानवरों को दावत देने जाना है एक काम करो तुम सीधा जाओ और बाय मुड़ जाना वहां पर भालू की गुफा है।
उल्लू वैसा ही करता है क्योंकि उल्लू बोला था इसीलिए वह चिड़िया की बातों में आ गया और सीधी जाकर जैसे ही दाएं मुंडा वह एक पेड़ से टकरा गया क्योंकि उसे दिन में कुछ दिखाई नहीं देता था।
फिर उल्लू उठा और आगे बढ़ने लगा तभी वह एक पहाड़ से टकरा गया और नीचे गिर गया पर कहने लगा यह पहाड़ भी इतना बड़ा है लेकिन इसे कुछ समझ नहीं बीच में ही खड़ा हो गया।
तभी वहां एक कौवा आता है और कहता है पहाड़ बीच में नहीं आया तुम ही पहाड़ पर आ टपके हो यह सुनकर उल्लू ने कहा क्या कबीर भाई तुम मुझे बता सकते हो कि भालू की गुफा कहा है यह सुनकर कौवा कहता है हां हां तुम इस दिशा में जो पूरब दिशा में वहां भालू की गुफा है।
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उल्लू उड़ता जाता है उड़ता जाता है लेकिन भालू की गुफा नहीं आती और जैसे ही नीचे आता है तो समंदर में गिर जाता है यह देखकर बहुत डर जाता है तभी वहां एक कछुआ आता है और कहता है उल्लू भाई तुम यह समंदर में क्यों तैर रहे हो।
यह सुनकर उल्लू कहता है मुझे कौवे नहीं यहां भेजा है यह सुनकर कछुआ कहता है कवि ने तुम्हें बेवकूफ बनाया है मेरे पीठ पर बैठो मैं तुम्हें किनारे तक छोड़ देता हूं।
इस तरह कछुए ने भोले उल्लू की मदद की।
काला कबूतर ( बाल कहानी इन हिंदी )
एक बार की बात है एक कबूतर अंडों में से अपने बच्चे निकल रही थी और पास के पेड़ पर बैठा मिट्ठू भी वह देख रहा था।
तभी एंड में से एक कबूतर का बच्चा निकाला जिसमें एक कबूतर बाहर निकाला वह बहुत ही सफेद था यह देखकर कबूतर मन खुश हो गई और बहुत ही खुशी से झूमे लगी।
तभी दूसरे एंड में से एक और कबूतर निकाला लेकिन वह कबूतर काला था यह देखकर पास के पेड़ पर बैठा मिट्ठू कहने लगा यह तो काला कबूतर है यह देखकर मन कबूतर खाने लगे ठीक है कल हुआ तो क्या हुआ यह मेरा ही बच्चा है इसका नाम मैं राजकुमार रखा है।
इतने में वहां पर कबूतर पिता भी आ गया वह दोनों बच्चों को देखकर खुश हो गया लेकिन मन कबूतर से कहने लगा कि यह कबूतर क्यों काला है और थोड़ा कमजोर भी लग रहा है यह सुनकर मन कबूतर खाने लगी ठीक है लेकिन यह हमारा ही बच्चा है हम इसे खूब लाड प्यार से पा लेंगे।
उसे कल कबूतर को जंगल के सारे जानवर बहुत प्यार करते थे इसी बीच उसकी दोस्ती मोर से हो गई मर उससे बहुत सारी चीज लाकर दीदी खाने के लिए और इसी तरह काला कबूतर सारे जंगल के जानवरों का पसंदीदा हो गया।
एक बार जब एक खूंखार शेर जंगल में आया उसने मोड़ को पकड़ लिया अपने मुंह में यह देखकर जंगल के सारे जानवर डर गए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे और शेर मा को लेकर भागने वाला था कि कल कबूतर बाहर आ गया और जोर से शहर को सोच मारा वह सोच इतनी जोर से मारा की शेर का खून निकलने लगा।
शेर ने देखा कि उसका खून निकल रहा है उसने अपने मुंह से मोड़ को छोड़ा और वहां से भाग गया बेचारे मोर की जान बच गई और मा ने अपने दोस्त काले कबूतर को धन्यवाद कहा।
और जंगल के सारे जानवरों ने काले कबूतर के बहादुर की दाद दी और उसे जंगल का सबसे बहादुर पक्षी कहने लगे।
मिट्टी का AC ( चिल्ड्रन स्टोरी इन हिंदी )
सूरजपुर नाम के एक गांव में चंदन नाम का एक कुमार रहता था वह मिट्टी के बर्तन बना था मिट्टी के मटके बनाते और उसे बाजार में जाकर बेच आता था।
इसका एक बेटा भी था जिसका नाम रवि था रवि बहुत ही होशियार और समझदार लड़का था वह हमेशा अच्छे काम करता था और नई-नई चीज बनाने की कोशिश करता था।
एक दिन जब चंदन मटके बेचने के लिए बाजार जा रहा था तभी उसने अपनी पत्नी से कहा कि रवि कहा गया है उसकी पत्नी ने कहा रवि सरपंच जी के बेटे के यहां गया है शायद उन्होंने कोई नई चीज लाई है।
यह सुनने के बाद चंदन कहता है यह सरपंच जी का बेटा हर बार कोई नई-नई चीज लाता है और रवि हमें वही चीज लाने के लिए कहता है सरपंची तो अमीर है हम गरीब है हम कैसे वह चीज ला सकते हैं।
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उतने में रवि आ जाता है और वह अपने पिताजी से कहता है पिताजी पिताजी सरपंची के बेटे ने नया एक लगाया है घर में Ac बहुत ही ठंडी ठंडी हवा आती है क्यों ना हम भी एक Ac लगाए।
यह सुनकर रवि के पिता कहते हैं बेटा हमारे पास इतने पैसे नहीं कि हम अपने घर में Ac लगा सके।
यह सुनकर रवि बहुत उदास हो जाता है रवि के पिता कहते हैं तुम थोड़े मटके बनाकर रखो मैं थोड़े मटके बाजार में बेचकर आता हूं।
रवि मटके बनाने लग जाता है तभी वह मटके बनाते-बनाते सोचता है क्यों ना मैं मिट्टी का AC बनाऊ जिससे मेरे घर में भी ठंडी हवा आए।
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बस क्या था रवि तब से ही मिट्टी का Ac बनाने में लग जाता है और कुछ दिनों में वह एक मिट्टी का Ac बना लेता है।
और घर में लगा भी देता है उसे मिट्टी के Ac की वजह से रवि के घर में बहुत ही ठंडी ठंडी हवा आती है जिसकी वजह से उसके पिता बहुत खुश हो जाते हैं।
सारे गांव में यह बात फैल जाती है कि रवि ने मिट्टी का Ac बनाया है, फिर गांव के सारे लोग रवि को मिट्टी का Ac बनाने के लिए कहते हैं इस तरह रवि सभी को मिट्टी का एक बनाकर देता है और खूब सारे पैसे कमाता है।
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