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सुंदर सुंदर परियों की कहानियां
परीलोक में आज बहुत खुशी का माहौल था क्योंकि आज रानी परी को दो जुड़वा बेटियां हुई थी और दोनों बेटियों की शक्ल एक सी थी मतलब की दोनों जुड़वा बहने थी और उनकी शक्ल एक जैसे ही थी।
पूरे परीलोक में खुशी का माहौल था सारी परियां दोनों जुड़वा बहन को देखने के लिए आ रही थी और उन्हें मुबारकबाद दे रही थी तभी रखनी पड़ेगी भी बहुत खुश थी और वह भी अपनी दोनों बेटियों को देखते ही जा रही थी।
किसी ने उन दोनों बहने को सोने का हार दिया तो किसी ने जादुई शक्तियां देने का ऐलान किया तो किसी ने उनके लिए बहुत ही खूबसूरत खूबसूरत कपड़े ले तो किसी ने उन्हें बहुत ही नायाब झूले दिए।
रानी परी को यह देखकर बहुत खुशी हुई कि उनकी दोनों जुड़वा बेटियों की वजह से परलोक में बहुत ही खुशी का आलम है और सभी लोग बस्ती में झूम रहे हैं इसीलिए रानी परी ने बहुत ही शानदार दावत का इंतजाम किया।
दावत में सभी परिवार मौजूद थी और सभी बढ़िया वह दावत का लुत्फ उठा रही थी वहां हर तरह के पकवान पाक रहे थे जिसकी वजह से माहौल बहुत ही खुशनुमा हो गया था।
समय गुजरता गया और दोनों बहने बड़ी हो गई और जब दोनों बहने बड़ी हुई तो रानी परी की मुसीबत बढ़ गई क्योंकि दोनों में से एक बहन बहुत ही शांत स्वभाव की थी तो दूसरी बहन बहुत ही चंचल थी और बहुत ही शरारती थी।
अब समस्या यह थी कि दोनों बहन एक ही शक्ल की थी तो अगर कोई चुलबुली और शरारती बहन कोई शरारत कर लेती थी तो उसकी डांट दूसरे जो शांत बहन थी उसको खानी पड़ती थी जिसकी वजह से किसी को कोई समझ नहीं आ रहा था कि दोनों में से कौन है।
एक बहन का नाम रोशनी था और दूसरे बहन का नाम सुरभि था। रोशनी बहुत ही शांत स्वभाव की थी और सुरभि बहुत ही नटखट और शैतान थी और बहुत ही शरारत करती थी इसीलिए जब भी सुरभि कोई शरारत करती थी तो रोशनी पकड़ी जाती और उसे ही दांत सुनाई पड़ती थी परी लोक में सभी की।
इस परीलोक में एक राजकुमार था जो रौशनी को बहुत पसंद करता था लेकिन सुरभि को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं थी कि इतना बड़ा राजकुमार रोशनी से प्यार करता है लेकिन वह उसे भाव तक नहीं देता इसीलिए उसने उत्तर की बनाई कि उसकी बहन को जान से मार दे।
एक बार जब रोशनी रास्ते से पहाड़ के ऊपर से जा रही थी तभी सुरभि ने उसे धक्का लगाया और रोशनी पहाड़ के नीचे गिरने लगे तभी उसके पंख खुल गए और वह परी की तरह आसमान में उड़ने लगी तभी उसने अपनी बहन सुरभि को वहां देख लिया था और वह देखकर वह उसकी मां को बताने के लिए जा रही थी।
तभी उसे सुरभि ने रोका और कहा मुझे माफ कर दो मैं बहुत ही लालच में आ गई थी आज से मैं ऐसा नहीं करूंगी यह सुनने के बाद रोशनी ने कहा ठीक है तुम मेरी बहन हो लेकिन तुम्हें यह बात समझनी चाहिए कि अपनी बहन को नहीं मारना चाहिए मैं तुम्हारी कोई दुश्मन नहीं हो।
और यह कहकर रोशनी ने कहा तुम्हें क्या जरूरत आन पड़ी कि तुम मुझे करने चली थी यह सुनकर सुरभि ने कहा कि तुम उसे राजकुमार से शादी करने वाली हो जबकि मुझे वह राजकुमार बहुत पसंद है।
यह सुनकर रोशनी ने कहा ठीक है तुम मुझसे शादी कर लो मैं तुम्हारे लिए एक कुर्बानी दे दूंगी यह सुनकर सुरभि ने कहा नहीं नहीं राजकुमार तुम्हें दिल से चाहता है इसीलिए वह मुझसे शादी नहीं करेगा तुमने मुझे यह कह दिया मेरे लिए यही काफी है और उसके बाद रोशनी और राजकुमार की शादी हो गई।
और इसके बाद शुरू भी नहीं कभी रोशनी के साथ दुश्मनी नहीं की और वह उसे अपनी बहन के रूप में बहुत प्यार करती थी।
राजकुमारी की कहानी लिखी हुई
रानी परी की शक्तिहीन बेटी
एक बार की बात है परी लोक में बहुत ही खुशी का आलम था क्योंकि रानी परी को एक बेटी हुई थी और वह बेटी बहुत ही सुंदर थी इसी वजह से रानी परी बहुत खुश थी।
समय बिता गया अब रानी परी की जो बेटी थी वह बड़ी हुई और उसका नाम पिंकी था।
पिंकी बहुत ही अच्छी और भली पड़ी थी और वह सब की मदद किया करती थी और पूरे परिवार लोक में उसे बहुत चाहते थे और सारी परियां उससे बहुत ही प्यार करती थी।
लेकिन रानी परियों को सदमा तब लगा जब उसे यह पता चला कि वह और परियों की तरह शक्तिशाली नहीं है और उसके अंदर कोई शक्ति नहीं है और उसके पास कोई छड़ी नहीं है जिससे वह जादू कर सके।
रानी परी जब भी उसकी बेटी पिंकी को जादू सिखाती पिंकी को जादू आता ही नहीं था आमतौर पर परीलोक में यह होता था कि बच्चे जब बड़े होते थे तुमने जादू सिखाया जाता था और बच्चों को जादू आ जाता था और फिर वह बड़ी शक्तिशाली परियां बन जाती थी।
लेकिन पिंकी को सभी परियों ने जादू सिखाए लेकिन पिंकी को जादू आ ही नहीं रहा था तभी सारी परियां बहुत ही दुखी हो गई क्योंकि सभी पिंकी को बहुत प्यार करते थे तभी रानी परी को उत्तर की सूची उन्होंने उनके सबसे बड़े गुरु के पास यह समस्या लेकर गए।
तब उनके गुरु ने उन्हें उपाय बताया जो एक महीना करना था और उसमें सारी परियों को एक-एक करके अपना जादू पिंकी को देना था तब रानी परी ने ऐसा ही किया एक महीने तक परीलोक की सारी परियों ने अपना जादू पिंकी को दिया और एक महीने बाद पिंकी के पास एक छड़ी आ गई जिसकी वजह से वह जादू करना सीख चुकी थी।
अब पिंकी भी सारी परियों के साथ जादू करती थी और वह एक बहुत ही भली परी थी जिसकी वजह से हो लोगों का और भी अच्छा साथ दे पा रही थी और उनकी अच्छी मदद कर पा रही थी अपनी जादुई शक्तियों की वजह से।
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