आज की इस मज़ेदार पोस्ट मे अप लोग पढ़ने वाले हो हिंदी स्टोरी फॉर किड्स पंचतंत्र क्यूंकी इसी तरह की हिंदी स्टोरी फॉर किड्स पंचतंत्र कहानिया पढ्न बच्चो को बहुत पसंद होता है और क्यूंकी बच्चो को पढ्न पसंद होता है इसी लिए मटा पिता को ऐसी कहानी पढ़ पढ़ कर बच्चो को सुनानी पढ़ती है तो चलिये पदग्ना शुरू करते है हिंदी स्टोरी फॉर किड्स पंचतंत्र
बुद्धिमान चाट वाला
गगनपुर नाम के गांव में महेश नाम का एक आदमी रहा करता था । महेश बहुत ही महंती था और वह रोज सुबह अपने काम पर चला जाया करता और शाम को ही घर वापस आया करता था।
महेश गांव की जमींदार के खेत में काम करता था और वह बहुत सालों से जमींदार के यहां काम कर रहा था एक दिन जमींदार में महेश को अपने पास बुलाया और कहा महेश तुम हमारे पास कितने सालों से कम कर रहे हो।
महेश ने कहा जब मैं आपके खेत में 10 सालों से कम कर रहा हूं यह सुनकर जमींदार चौक गया और कहा ठीक है आज रात तुम्हें दावत है हमारे हवेली पर आना पूरे परिवार के साथ।
यह सुनकर महेश बहुत खुश हो गया और घर गया और अपनी बीवी और बच्चों से खुशी-खुशी करने लगा कि आज मलिक ने हमें खाना खाने के लिए अपने घर पर बुलाया है यह सुनकर बच्चे बहुत खुश हो गए लेकिन महेश की बीवी ने कहा क्यों क्या बात है 10 सालों में तो कभी उन्होंने दावत नहीं कि आज की दावत कर रहे हैं हमारी।
महेश ने कहा अपनी बीवी से कि तुम आम खाओ ना गुठलियों क्यों जम रही हो हमें दावत पर बुलाया है इसलिए हम दावत कर जाएंगे खाना खाएंगे और वापस चले आएंगे।
महेश की बीवी कहती है नहीं नहीं मैं नहीं आऊंगी तुम ही जो तुम्हारे मालिक के यहां मुझे तो कुछ तारीख में काला लग रहा है यह सुनकर महेश नाराज हो गया और कहां ठीक है अगर तुम नहीं आऊंगी तो मैं भी नहीं जाऊंगा ।
रात के 9:00 बज जाते हैं औरजमींदार ने महेश को 9:00 बजे ही खाने के लिए बुलाया था अब महेश की बीवी सोचती है कि मैं नहीं जाऊंगी तो महेश भी नहीं जाएगा इसलिए वह तैयार होती है बच्चों के लिए तैयार करती है और महेश से कहती है चलो महेश खुश हो जाता है और अपने परिवार के साथ जमींदार के घर जाता है।
जमींदार जी से ही देखा है कि महेश यादव है वह महेश को कहता है आओ आओ मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था और वह महेश को डाइनिंग टेबल पर बैठता है और उसके बीवी और बच्चों को भी और खूब सारे पकवान बनते हैं और महेश को खिला है महेश यह देखकर बहुत खुश हो जाता है।
खाना खाने के बाद जमींदार महेश से कहता है तुम मेरे पास 10 साल से कम कर रहे हो और तुम बहुत ईमानदार हो क्योंकि मैं तुम्हारी ईमानदारी इन 10 सालों में अच्छी है।
लेकिन मैं तुम्हें एक दुख भरी खबर सुनने वाला हूं यह सुनकर महेश करता है क्यों क्या हुआ जमींदार करता है मेरे बेटे को जो मैंने अमेरिका पढ़ने के लिए भेजा था वह उसने पढ़ाई की और एक बिजनेस शुरू किया लेकिन उसे बिजनेस में से बहुत लॉस हो गया है और इसीलिए उसे बिजनेस का कर्ज चुकाने के लिए मुझे अपनी सारी जमीन 100 एकड़ जमीन बेचनी पड़ेगी।
इसीलिए अब तुम मेरे जमीन पर काम करने के लिए नहीं आ सकते क्योंकि मैं अगले महीने जमीन बेचने वाला हूं यह सुनकर महेश सितम रह गया पर कहने लगा मलिक कितनी बड़ी बात हो गई और आपने मुझसे कहा भी नहीं जमींदार करता है जाने दो अब होने को कौन टाल सकता है।
महेश कहता है ठीक है मैं चलता हूं तभी जमींदार महेश को ₹20000 देता है और कहता है यह लोग ₹20000 और इससे अपना कोई कारोबार शुरू करना।
महेश कहता है नहीं मालिक रहने दो आपको पैसों की जरूरत है जमींदार करता है यह रख लो नहीं तो मैं नाराज हो जाऊंगा महेश में पैसों को रख लेता है और अपने घर चले जाते हैं।
महेश की बीवी कैसी है मलिक को बहुत ही दिलदार है उन्होंने तुम्हें ₹20000 दिए हैं कोई व्यापार करने के लिए इसीलिए अब हम यह सोचेंगे कि हमें क्या व्यापार करना चाहिए।
महेश होता है मैंने तो अभी तक कोई धंधा नहीं किया कोई व्यापार नहीं किया कोई बिजनेस नहीं किया पर अभी तक दूसरों के यहां नौकरी भी करते आया हो तो मैं यह पैसों से कारोबार कैसे करूंगा।
महेश की बीवी उसे समझता है कि देखो हम अभी तक गरीबी में ही जीते आए हैं और अगर हमें अपनी जिंदगी अच्छे से अमीरों की तरह जीना है तो तुम्हें कोई कारोबार ही करना पड़ेगा क्योंकि कारोबार में बहुत पैसे होते हैं और कम से कम हमारी जरूरत है तो अच्छे से पूरी हो पाएंगी।
महेश कहता है तो फिर हम किस चीज का कारोबार करेंगे हमारे पास तो केवल ₹20000 ही है।
यह सुनकर महेश कहता है मैं पिछले हफ्ते शहर गया था वहां मैंने देखा कि एक आदमी ठेले पर चाट बना बनकर बेच रहा है।
और उसके पास बहुत सारे ग्राहक भी थे और सभी लोगों को खास करके लड़कियों को चाट खाना पसंद होता है इसीलिए मैं भी चाट की रेडी लगाऊंगा और स्वादिष्ट चैट ग्राहक को दूंगा जिसकी वजह से ग्राहक रोज आएंगे मेरे पास चार्ट चाट के लिए।
और मैं साथ में पानी पुरी भी भेजूंगा और सुखी और गीली भेल भी बेचूंगा।
यह सुनकर महेश की बीवी कहती है मुझे तो बहुत ही स्वादिष्ट भेल बनानी आती है।
महेश कहता है तो फिर मैं कल शहर जाकर सारा सामान लेकर आता हूं और कल से ही हम रेडी लगा लेंगे।
फिर क्या था महेश ₹5000 की एक रेडी लाता है और ₹10000 का चाट बनाने का सामान लाता है।
और गांव के चौराहे पर रेडी लगा लेता है पहले तो दो-तीन दिन तक उसके पास कोई ग्राहक नहीं आता लेकिन जब ग्राहक को पता चल जाता है की यह स्वादिष्ट स्वादिष्ट भेल, पानी पुरी और चाट मिलती है।
तू महेश की रैली पर ग्राहकों की भीड़ लग जाती है और धीरे-धीरे महेश का व्यापार बढ़ जाता है और महेश को पैसे कमाने लगता है और अपने परिवार का अच्छे से भरम पोषण कर पाता।
केवल 2 साल में महेश के पास इतने पैसे हो जाते हैं कि वह गांव में ही 10 एकड़ जमीन खरीद लेता है और खेती भी करता है और साथ ही साथ अपने चाट की रेडी भी लगाता है।
कहानी से मिलने वाली सीख !
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब जिंदगी हमें कोई मौका देती है तो हमें उसे मौके का फायदा उठाना चाहिए डरना बिल्कुल नहीं चाहिए।
आप पढ़ रहे थे : हिंदी स्टोरी फॉर किड्स पंचतंत्र
0 Comments