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बगुला और खूंखार शेर | मजेदार स्टोरी इन हिंदी short | Majedaar Story In Hindi Short

आज की इस मजेदार स्टोरी इन हिंदी short की कहानी मे हम पढ़ने वाले है बगुला और खूंखार शेर की कहानी और  मजेदार स्टोरी इन हिंदी short की कहानी लिखने के मुझे बहुत comments आ रहे थे इसी लिए आप लोगो के लिए खास मैंने लिखी है ये मजेदार स्टोरी इन हिंदी short । 

इस कहानी मे आपको जंगल के अलग अलग जानवरी के किस्से कहानिया पढ़ने को मिलने वाले है तो चलिये शुरू करते है बिना किसी देरी के मजेदार स्टोरी इन हिंदी short


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बगुला और खूंखार शेर

आज की इस मजेदार स्टोरी इन हिंदी short की कहानी मे हम पढ़ने वाले है बगुला और खूंखार शेर की कहानी और  मजेदार स्टोरी इन हिंदी short की कहानी लिखने के मुझे बहुत comments आ रहे थे इसी लिए आप लोगो के लिए खास मैंने लिखी है ये मजेदार स्टोरी इन हिंदी short ।
 मजेदार स्टोरी इन हिंदी short

एक जंगल में एक बगुला रहा करता था वह बगुला बहुत ही सुंदर था दिखाने में और उसके सफेद सफेद पर उसकी खूबसूरती को और भी निखारते थे। 


बगुला अक्सर तालाब पर आया करता मछलियां खाने के लिए क्योंकि उसे ताजी-ताजी मछलियों खाना बहुत पसंद थी इसीलिए वह रोजाना सुबह मछलियां खाने के लिए आता तालाब पर और शाम के वक्त भी मछलियां खाने के लिए आता था तालाब पर। 

एक दिन जब वह मछलियों का रहा था तभी उसने देखा कि हां एक बकरी खड़ी है वह बकरी थोड़ी सही में हुई थी और थोड़ी घबराई हुई भी थी बगुलानों से देखा और कहा बकरी बहन तुम क्यों घबरा ही हुई हो यह सुनकर बकरी रहती है मेरे पीछे एक शेर लगा था जो मेरा शिकार करने वाला था लेकिन किसी तरह से मैं भाग कर आई हूं इसीलिए मैं थोड़ी घबराई हुई हु।


बगुला कहता है मुझे यकीन नहीं आता कि तुम शेर के जंगल से कैसे बज गई जबकि अगर शेर किसी को शिकार करने की तय कर लेता है तो उसका शिकार करके ही रहता है। 


यह सुनकर बकरी रहती है शायद उसे शेर की किस्मत में आज मेरा मांस नहीं होगा इसीलिए मैं बज गई वैसे तो मुझे भी खुद भरोसा नहीं हो रहा है कि मैं शेर की जंगल से बच कैसे गई। 


बहुला कहता है अगली बार अगर शेर तुम्हारे पीछे पड़े तो तुम मुझे पुकार लेता मैं तुम्हें शेर से बचने के लिए आऊंगा यह सुनकर बकरी जोर-जोर से हंसने लगी और बगुले ने कहा देखो मैं तुम्हारा टेंशन दूर कर दिया ना पल भर में एक मस्त सा जोक सुना कर। 


बकरी हंसते हुए कहती है हां हां तुमने मेरा बोझ हल्का कर दिया अब जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं भी तुम्हारी मदद करूंगी। 


यह दोनों बातें कर रहे होते हैं कि ऐसे ऐसे में उनके दोस्ती हो जाती है और बगुला कहता है मैं रोज सुबह और शाम इस तालाब पर आता हूं मछलियां खाने के लिए यह सुनकर बकरी रहती है अरे मैं भी तो रोज शाम को और सुबह को आता हूं यह तालाब में पानी पीने के लिए। 


बगुला कहता है तो फिर आज तक हमारी मुलाकात क्यों नहीं बकरी रहती है क्या पता शायद आज ही हमारी मुलाकात लिखी हो चलो कोई नहीं हम मिल तो गए बगुला कहते हैं ठीक है कल मिलेंगे। 


अब बगुला और बकरी में दोस्ती हो जाती है और रोजाना तालाब में मिलते हैं और बगुला मछलियां खाता है और बकरी पानी पीती है ऐसी उनकी जिंदगी चल रही थी।


इस तालाब में एक मगरमच्छ भी रहता था वह मगरमच्छ बहुत ही ताकतवर था और वह अपने शिकार को अपने जबड़े में ऐसे जकार्ता की उसे बचाने की कोई उम्मीद ही नहीं नजर आती थी। 


इसीलिए मगरमच्छ से सभी डरते थे और उसके कोई पास भी नहीं जाता था एक दिन मगरमच्छ उसे तालाब में आ गया जिस तालाब में बगुला मछली खाने के लिए और बकरी पानी पीने के लिए आती थी।


और बगुला और बकरी को पता नहीं था कि इस तालाब में अब मगरमच्छ आ गया है बगुला और बकरी तालाब पर आई और बकरी बकुला से कहने लगी बगुला भाई उसे शेर ने तो हमारे नाक में दम करके रखा है वह रोजाना किसी न किसी जानवरों को खा लेता है और उसने सबका जीना मुश्किल कर रखा है। 


यह सुनकर बगुला कहते हैं हां उसने कितने नन्हे नन्हे जानवरों को खाया है उसने हिरण को बकरी को बगुले को मछलियों को सभी जानवर को खाया है किसी जानवर को नहीं छोड़ा। 


तालाब में छुपा मगरमच्छ इन दोनों की बातें सुन रहा था तभी उसने मन में सोचा अगर शेर ने इतने सारे जानवरों को खाया है तो सोचो कि वह शेर का मांस कितना स्वादिष्ट होता और यह सोचने के बाद उसे रहा नहीं गया और उसने तय कर लिया कि वह शेर का शिकार करके रहेगा। 


वह तालाब के ऊपर आता है और बकरी और बगुले से कहता है मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं शेर के चंगुल से छुटकारा दिलाने में पहले तो बगुला और बकरी मगरमच्छ को देखकर डर जाते हैं और तालाब से थोड़ा दूर हो जाते हैं लेकिन मगरमच्छ उन्हें समझाता है कि देखो मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगा मैं 2 दिन से यहां पर हूं और तुम दो दिन से रोज पानी पीने के लिए आ रहे हो क्या मैं तुम्हें नुकसान पहुंचा है नहीं ना। 


बगुला कहता है हम तुम्हारी क्या मदद कर सकते हैं मगरमच्छ करता है देखो मैं शेरों का शिकार करना चाहता हूं लेकिन मैं नदी में ही अच्छी तरह शिकार कर पाता हूं तालाब में ही अच्छी तरह शिकार कर पाता हूं जमीन पर नहीं क्योंकि पानी पर मेरे हुकूमत है तालाब पर मेरी हुकूमत है शेर भी तालाब में आया तो मुझसे ज्यादा देर टिक नहीं पाएगा। 


मैं शेर का शिकार करके मेरी भूख मिटा लूंगा और तुम्हारा जीवन शेर की अत्याचार और डर से खत्म हो जाएगा। 


बगुले को यह बात बहुत पसंद आई बगुला ने कहा ठीक है हम एक तरकीब बनाते हैं और उसे तरकीपर काम करते हैं इससे तुम्हें शेर का शिकार करने मिलेगा और हमें शेर से छुटकारा मिलेगा। 


मगरमच्छ कहता है इसीलिए तो मैं तुम्हारे पास आया हूं और तुमसे बात की क्योंकि मुझे पता है कि तुम बहुत बुद्धिमान हो और तुम कोई ना कोई तरकीब निकाल ही लेंगे।


बगुला कहते हैं देखो मैं एक काम करता हूं कल सुबह शेर के गुफा के बाहर खड़े रहता हूं और जैसे ही शेर गुफा से निकलता है मैं बकरी को इशारा करता हूं बकरी शेर के सामने आएंगे और शेर बकरी की तरफ भागेंगे और वह जैसे-जैसे उसकी तरफ भागेगा बकरी तालाब के पास आएंगे और तालाब में चलांग लगा देंगे शेर यह देखकर तालाब में चलांग लगा देना और वैसे ही तुम उसे जकड़ लेना।


मगरमच्छ कहता है यह बहुत अच्छी तरकीब है जैसे ही वह तालाब में शेर को देगा मैं उसे अपने जबड़े में जाकर लूंगा और उसे खा लूंगा और मेरी भूख मिट जाएंगे और तुम्हें शेर से छुटकारा मिलेगा। 


प्लेन के मुताबिक सभी ऐसा करते हैं और शेयर विचार उनके जाल में फंस जाता है और मगरमच्छ के हाथों अपनी जान गवा बैठता है। 


इस कहानी से मिलने वाली सीख : अगर हम कोई काम मिलजुल कर एकता से करते हैं तो वह काम ह 100% Successful होता ही है।


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