आज की इस घमंडी बंदर की सज़ा की कहानी मे आप सभी लोग पढ़ने वाले है New ज्ञान देने वाली कहानी क्यूंकी ज्ञान देने वाली कहानी पढ़ना बच्चो को बहुत अच्छा लगता है और इससे बच्चे बहुत कुछ सीखते है तो चलिये पढ़ते है New ज्ञान देने वाली कहानी
घमंडी बंदर की सज़ा
शहर से बहुत दूर एक बहुत बड़ा जंगल था उसे जंगल में तरह-तरह के जानवर रहा करते थे और सभी साथ में मिलकर रहते थे और किसी भी मुश्किल को साथ में मिलकर हल करते थे।
उसे जंगल में एक बंदर भी रहता था उसे बंदर बहुत सालों से जंगल में रहता था और वह सारे पेड़ पौधों पर हो चला था उसे इस बात का घमंड था कि वह इस जंगल में बहुत साल पहले से रह रहा है और बहुत सारे जानवर यह अभी-अभी आएहैं।
असल में बात यह थी कि पड़ोस के जंगल में आग लग गई थी जिसकी वजह से सारे जानवर भाग कर इस जंगल में आ गए थे इसीलिए बंदर को यह लगता था कि वह उसका यह जंगल छीन लेंगे इसीलिए वह बंदर उनसे ठीक तरह से बात नहीं करता था।
बंदर को इस बात का घमंड था कि जंगल उसका है और यह जानवर उसका जंगल छीन लेंगे इसीलिए वह सारे जानवरों को बहुत ही बातें सुनता था और दूसरे जानवर भी इसलिए वह बातें सुन लेते थे क्योंकि वह दूसरे जंगल से यहां आए हैं।
एक दिन बेचारा हिरण पानी पीने के लिए नदी पर आया तो बंदर ने उससे कहा कि तुम इस नदी से पानी मत पियो क्योंकि मैं यहां से पानी पीता हूं तुम जाओ और दूर तालाब में जाकर पानी पियो तो हिरण कहता है तालाब का पानी गर्म है और इस नदी को पानी ठंडा है इसीलिए मैं पीकर जाऊंगा यहां से।
यह सुनकर बंदर को बहुत गुस्सा आ जाता है और उसे इस बात का घमंड तो था ही कि वह इस जंगल का राजा है वह हिरण को कहता है कि रुक जाओ मैं तुम्हें सबक सिखा कर रहूंगा वह तुरंत जाता है शेर के पास और कहता है नदी के पास एक हिरन है।
शेर फौरन नदी के पास आता है और हिरण को पकड़ने लगता है लेकिन हिरन जैसे तैसे वहां से भाग जाती है और बाद में उसे पता चलता है कि शेर को वह बंदर ने भेजा था।
बंदर की इस घमंडी बात पर हिरण को बहुत गुस्सा आता है और वह जंगल के सारे जानवरों को यह बात बता देता है कि बंदर ने शेर को वहां भेजा था मुझे खाने के लिए।
सारे जानवर मिलकर बंदर को सबक सिखाने के सोचते हैं और फिर वह सब मिलकर एक गड्ढा होते हैं और उसके ऊपर घास फूस रख देते हैं बाद में बंदर से कहते हैं कि तुम हमारे राजा हो हमने तुम्हारा सिंहासन बनाया है तुम यहां बैठ जाओ।
अब घमंडी बंदर उन सबके बातों में आ जाता है और सच में वहां बैठ जाता है लेकिन वहां तो गड्ढा खोदा हुआ था तो वह गड्ढे में गिर जाता है वह गड्ढा इतना गहरा था कि वहां से निकलना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन था।
अब जंगल के सारे जानवर एक-एक दिन तय करते हैं कि कौन बंदर को खाना और पानी लाकर देगा और रोज कोई ना कोई जानवर बंदर को गड्ढे में ही खाना और पानी देते हैं और बंदर गड्ढे के अंदर ही अपनी जिंदगी गुजरता है अपने घमंड की वजह से।
कहानी से मिलने वाली सीख : इसीलिए कहते हैं कि हमे को कभी घमंड नहीं करना चाहिए और हमेशा दूसरों के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए वरना घमंड का अंजाम बहुत बुरा होता है।
0 Comments